Sad Sayari :
है उलझन...
बडी..अब क्या करे..
किस पे शक और किसपे विश्वास करे!
हर चेहरे के पीछे..कई चेहरे है किससे नफरत और किसपे विश्वास करे !
अभी तक मौजूद है इस दिल पे तेरे कदमो के निशान.
तेरे बाद मैने इस राह से किसी को गुजरने नही दिया !
वक्त बदलनें से उतनी तकलीफ नही होती है.
जितनी किसी अपने के बदल जाने से होती हैं !
अपना वही है जो अपनी खामोसी को पढ सके.
वरना अंदाजे तो बेगाने भी लगा लेते है!
दर्द को मुस्कुरा कर सहना क्या सीख लिया लोगो को लगता है कि मुझे तकलीफ नही होती है
जिसकी गलतियो से भी मैने रिश्ता निभाया!
उसने मुझे बार बार फालतु होने का एहसास दिलाया !
तु कभी मुझे मिले या ना मिले बस इतनी सी ख्वाहिस है कि तुझे लाइफ की हर खुशी मिले !
Written by saifkhan..
0 Comments